Motherboard क्या हैं? Motherboard के बारें में विस्तार से जानिए?

What is Motherboard? Know Motherboard in Details in Hindi?

 
MOTHER BOARD
MOTHER BOARD

मदरबोर्ड कम्प्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है. जिसमे सभी आवश्यक उपकरण जुडे रहते हैं. इनमें CPU, RAM, HDD, MONITOR, BIOS, CMOS, MOUSE, KEYBOARDआदि उपकरण शामिल है जो Dedicated Ports के माध्यम से जुडे रहते हैं।

हिस्ट्री ऑफ़ मदर बोर्ड 

1981 मे IBM “Planer” breadboard पहला मदरबोर्ड था जिसे कंप्यूटर सिस्टम मे इस्तेमाल किया गया था।1984 मे IBM Advanced टेक्नालजी के साथ आया जिससे की आज के कंप्यूटर सिस्टम का जन्म हुआ। Adavnced टेक्नालजी होने के कारण ये काफ़ी पॉपुलर हुआ और ये एक standard मदरबोर्ड साबित हुआ जो हर तरह के डेस्कटॉप ,मे फिट बैठता है।Gigabyte का जन्म 1986 मे हुआ जो की taiwan के यह pei cheng के द्वारा बनाया गया था।

1987 मे एलीट ग्रूप ने दुनिया का सबसे बड़ा ECS Board  बनाने वाली मदरबोर्ड कंपनी बन गई।1989 मे taiwan मे ACER के appliance द्वारा एक छोटी कंपनी बनाई गयी जिसका नाम pegasus रखा गया, जो बाद मे चलकर दुनिया की सबसे बड़ी मदरबोर्ड बनाने वाली कंपनी बन गयी। इंटेल ने 1993 मे PAGA का डेवेलप किया जिसका फुल फॉर्म Plastic pin grid array होता है। इसने integrated circuit packaging मे अपना योगदान दिया।

1995 मे AT के बाद ATX  फॉर्म रिलीस किया गया. इसे Advanced टेक्नालजी मे जो drawbacks थे उसमे सुधार कर के लाया गया.Intel ने इसी साल से Motherboard की manufacturing करनी खुद शुरू कर दी।वैसे ही इसकी reputation बहुत अच्छी थी इसीलिए इसे अपना मार्केट जमाने मे ज़्यादा वक़्त नही लगा।1998 मे Micro ATX बोर्ड बनाए गये जो ATX बोर्ड के आकर से आधे साइज़ के थे।2001 मे ITX Motherboard बनाए गये जो बहुत छोटे हुआ करते थे।2005 मे इंटेल ने फिर से balance technology को extend किया।2007 मे ASUS tek दुनिया की सबसे बड़ी कंप्यूटर motherboard manufacturer कंपनी बन गई.2009 मे Mobile ITX  बोर्ड का निर्माण किया गया. ITX सबसे छोटे साइज़ के motherboard थे जिनकी साइज़ 60*60 MM की थी।

मदर बोर्ड का परिचय 

कंप्यूटर प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण घटक है। यह एक प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB) है जहां कंप्यूटर सिस्टम के सभी पार्ट्स सॉकेट, स्लॉट्स और कनेक्टरों के सहारे मदरबोर्ड से जुड़े होते हैं। जैसे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट, मेमोरी, हार्ड ड्राइव आदि सिस्टम। इसी का मतलब है की, यह एक ऐसा Equipment है जिससे दूसरे सारे Components एक साथ जुड़े रहते है।

मदरबोर्ड एक कंप्यूटर में Power Receive करने के लिए और Communication करने के लिए सारे Parts को Allow करता है। मदरबोर्ड एक कंप्यूटर की रिड की हड्डी होती है, जो सारे कॉम्पोनेन्ट को आपस में जोड़े रखती है। मदरबोर्ड ही सभी कॉम्पोनेन्ट को उचित Power Supply देने के लिए फक्शन इनेबल करता है, ताकि सभी कॉम्पोनेन्ट या पार्ट्स ठीक से अपना काम कर सके।

मदर बोर्ड का आविष्कार 

LPX मदरबोर्ड फॉर्म फैक्टर को पश्चिमी डिजिटल द्वारा 1987 में विकसित किया गया था। इंटेल ने जुलाई 1995 में मदरबोर्ड के लिए ATX विनिर्देश का पहला संस्करण जारी किया। इंटेल ने DEC और IBM के साथ संयुक्त प्रयास में मार्च 1997 में NLX फॉर्म फैक्टर विकसित किया।

मदरबोर्ड के हिस्से:-

  1. प्रोसेसर सॉकेट
  2. पॉवर कनेक्टर
  3. मेमोरी स्लॉट
  4. विडियो कार्ड स्लॉट
  5. एक्सपेंशन स्लॉट
  6. CMOS बैटरी
  7. नार्थब्रिज और साउथब्रिज
  8. ईथरनेट पोर्ट
  9. कीबोर्ड पोर्ट
  10. माउस पोर्ट
 
प्रमुख मदरबोर्ड निर्माताओं का नाम:-
  1. Intel
  2. ASUS
  3. Gigabyte
  4. AMD
  5. Acer
  6. MSI
  7. ABIT
  8. AOpen
  9. Biostar

मदर बोर्ड क्या हैं?

मदरबोर्ड कंप्यूटर का आधार होता है.जिस तरह घर बनाने के लिए ज़मीन ज़रूरी है उसी तरह कंप्यूटर के हर पार्ट को आधार चाहिए होता है जिसे हम मदरबोर्ड के नाम से जानते हैं. ये एक हब होता है जहाँ पर आकर कंप्यूटर के सारे पार्ट्स मिलते हैं. मैने पहले ही बताया है की कंप्यूटर मदरबोर्ड PCB (Printed Circuit Board) होता है जो दूसरे पार्ट्स जैसे हार्ड डिस्क, सी.पी.यू., रैम, ग्रॅफिक्स कार्ड, टीवी कार्ड को कनेक्ट करता है. फिर इनको फक्शन करता है।

इसके लिए उन्हे proper electricity भी प्रदान करता है.मदरबोर्ड बहुत ही मज़बूत प्लास्टिक शीट की बनी होती है जो इन्सुलेटर होता है यानी बिजली का कुचालक होता है. इस शीट मे कॉपर या अल्यूमिनियम पन्नी की पतली परत प्रिंट की हुई होती है जिसे हम निशान के रूप मे देख सकते हैं. ये traced निशान बहुत ही narrow होते हैं और अलग अलग भागों के लिए circuit बनाते हैं. इन circuits के अलावा भी एक मदरबोर्ड मे कई सारे socket और slot होते हैं जो दूसरे सभी parts को जोड़ने के काम आते हैं।

मदर बोर्ड के प्रकार 

मदरबोर्ड की Capacity और Efficiency हमारे द्वारा उपयोग किये जाने वाले सिस्टम के अनुसार अलग अलग होती है। मदरबोर्ड को उपलब्ध उपकरणों के आधार पर classify किया जाता है। यह 2 प्रकार के होते हैं-
  1. इंटीग्रेटेड मदरबोर्ड (Integrated motherboard)
  2. नॉन इंटीग्रेटेड (Non-Integrated motherboard)
 
Integrated motherboard:- जिन मदरबोर्ड  पर हमें अलग से कार्ड पेरीफेरल डिवाइस के लिए नहीं लगाना होता है . वो पहले से मदरबोर्ड पर चिप के रूप में इंटीग्रेटेड होते है , ऐसे मदरबोर्ड को  इंटीग्रेटेड होते है .  नेटवर्क आईसी , साउंड आईसी , ग्राफ़िक्स आईसी आदि।
Non-Integrated motherboard:- पेरिफेरल कंट्रोलर डिवाइस मदरबोर्ड में पहले से लगे नहीं होते है , हमें एक नए बोर्ड के साथ अर्थात जिन्हे हम कार्ड के नाम से जानते है , जब हम अपने आवस्यकता अनुसार मदरबोर्ड पर दिए गए स्लॉट पर कार्ड लगाते है, जैसे की वीडियो कार्ड साउंड कार्ड , नेटवर्क कार्ड आदि तो वह मदरबोर्ड नॉन  इंटीग्रेटेड मदरबोर्ड कहलाता है।
Desktop Motherboard:- डेस्कटॉप मदरबोर्ड सबसे बेसिक प्रकार का होता है जो आमतौर पर घर और कार्यालय में उपयोग किया जाता है। यह घर और कार्यालय में सामान्य अनुप्रयोगो के लिए अधिक प्रयोग किया जाता है, जैसे मूवी देखने, गाना सुनने, गेम खेलने आदि।
Server Motherboard:- सर्वर मदरबोर्ड high servicesऑफर करने हेतु डिजाइन किये होते है जो 24*7 वातावरणों में उपयोग करने हेतु काफी विश्वसनीय होते हैं और प्रमुख अनुप्रयोगों को नियंत्रित कर सकते हैं। डेस्कटॉप मदरबोर्ड के मुकाबले सर्वर मदरबोर्ड कई सॉकेट, स्लॉट और कनेक्टर होते हैं। यह कहना बिलकुल सही होगा की, सर्वर मदरबोर्ड डेस्कटॉप मदरबोर्ड की तुलना में Advance होते है।
Laptop Motherboard:- लैपटॉप मदरबोर्ड का इस्तेमाल लैपटॉप सिस्टम के विभिन्न हिस्सों को कनेक्ट करने के लिए किया जाता है। इन मदरबोर्ड में आमतौर पर डेस्कटॉप मदरबोर्ड की तुलना में Advanced Features हैं और अधिकांश कार्यों को लैपटॉप मदरबोर्ड में Integrated किया गया होता है।

मदर बोर्ड के विभिन्न पोर्ट्स 

Serial Port:- Serial Ports का उपयोग अतिरिक्त मॉडेम और पुराने माउसों को जोडने के लिया किया जाता हैं. ये Ports 9 Pin और 25 Pin इन दो मॉडल में आते हैं।
Parallel Port:- इन Ports में Scanners & Printers को कनेक्ट किया जाता है. यह Ports 25 Pin में होते हैं. इन्हे Printer Port भी कहा जाता हैं।
PS/2 Port:- इन Ports का आकार गोल होता हैं. इनके द्वारा माउस और की-बोर्ड को जोडा जाता हैं. आजकल इन पोर्ट का इस्तेमाल बहुत कम किया जाता हैं।

USB Ports:- इस पोर्ट से तो आप भली भांती परिचित होंगे ही. फिर भी आपको बताना हमारा फर्ज है.USB का पूरा नाम Universal Serial Bus होता हैं।  USB Ports के द्वारा सभी प्रकार के USB Devices जैसे माउस, की-बोर्ड, प्रिंटर, हार्ड डिस्क आदि को कनेक्ट किया जा सकता है।

इस पोर्ट को सन 1991 में इजात किया गया था। और इनकी डाटा ट्रांसफर करने की क्षमता बहुत तेज और ज्यादा होती हैं। USB का आविष्कार एक भारतीय माननीय अजय भट्ट जी ने किया है।

VGA Port:- Computer Monitor को जोडने के लिये किया जाता हैं. इसकी बनावत Serial Port के जैसी ही होती हैं।
Power Connector:- Motherboard को Power से जोडने के लिए Power Connector का इस्तेमाल किया जाता हैं। पॉवर सीधे मदरबोर्ड में नही जाती हैं. यह पहले SMPS में जाती हैं इसके बाद मदरबोर्ड में पहुँचती हैं।
Modem Port:- Computer को इंटरनेट केबल से जोडने के लिए Modem Port को इस्तेमाल किया जाता हैं। इसकी बनावट कुछ-कुछ USB Port के समान होती हैं।
External Ports:- एक कम्प्यूटर को दूसरे कम्प्युटर से जोडने के लिये इन Ports का इस्तेमाल किया जाता हैं. इनमे Network Cable को जोडा जाता हैं।
Game Port:- Game Consoles और Joystics को जोडने के लिए गेम पोर्ट का इस्तेमाल किया जाता हैं. मगर, आजकल इनकी जगह USB Ports का इस्तेमाल होने लगा है।
DVI Port:- DVI का पूरा नाम Digital Video Interface होता हैं. इस पोर्ट का उपयोग Flat Panel Monitors यानि LCD, LED को कम्प्यूटर से जोडने के लिए किया जाता है।
Sockets:- Speakers और Microphones को कम्प्यूटर से कनेक्ट करने के लिए Sockets का इस्तेमाल किया जाता है. ये गोल और छोटे होते हैं।
LAN Port:- यह Networking फंक्शन्स को सपोर्ट करता है।
Mouse Port:- पीएस / 2 माउस को जोड़ता है।
Parallel Port:- प्रिंटर जैसे Parallel Devices को जोड़ता है।
RJ-45 Port:- एक स्विच के माध्यम से LAN Connection को सक्षम बनाता है।
USB  Ports:- USB उपकरणों से कनेक्शन बनाने का काम करता है।
Video Port:- इसका इस्तेमाल VGA मॉनिटर या किसी अन्य VGA Compatible Device से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है।
Serial Port:- Modem या अन्य Serial Devices को जोड़ता है।
Keyboard Port (PS/2):- यह PS / 2 कीबोर्ड को कनेक्ट करता है।

मदर बोर्ड कैसे काम करता है?

मदरबोर्ड के महत्वपूर्ण कंपोनेन्ट और उनका काम निचे दिया गया है:-
Processor Socket:- सीपीयू सॉकेट एक इंटरफ़ेस है जो प्रोसेसर को मदरबोर्ड से जोड़ता है। अलग अलग प्रकार के सॉकेट्स का उपयोग अलग अलग प्रकार के प्रोसेसर के लिए किया जाता है। इनमे प्रोसेसर के पिन स्थापित करने के लिए छेद होते है। आजकल अधिकतर सॉकेट्स Land Grid Array (LGA) आर्किटेक्चर पर बनाये जाते है जहाँ पिन्स पहले से ही सॉकेट्स पर उपलब्ध होते है। हर सॉकेट्स का आकार अलग-अलग और पिन संख्या में अंतर होता है।
Components Hub:- Motherboard एक Backbone की तरह काम करता है। किसी भी कंप्यूटर में कंप्यूटर के दुसरे पार्ट्स जैसे CPU, RAM और Hard Disk आदि को Install किया जाता है।
Northbridge:- यह Northbridge Controller के रूप में जाना जाता है जो सीपीयू, मुख्य मेमोरी, और दूसरे बहुत महत्वपूर्ण घटक के बीच Communication संभालने का कार्य करता है।
Slots For External Peripherals:- नए Device और Interface को इनस्टॉल करवाने के लिए Motherboard जो एक प्लेटफार्म की तरह भी काम करता है। वह बहुत सारे Expansion Slots को उपलब्ध करवाता है।
Southbridge:- Southbridge द्वारा नियंत्रित नहीं किये जाने वाले उपकरणों और बसों (Buses) के सभी कार्यों का संचालन करता है।
Power Distribution:- कंप्यूटर के दूसरे कॉम्पोनेन्ट को मदरबोर्ड की मदद से पॉवर सप्लाई दिया जाता है।
Memory Slots:- मेमोरी स्लॉट बोर्ड पर रैम लगाने के लिए एक इंटरफ़ेस दिया जाता है और इन्ही में रैम मॉड्यूल लगाया जाता है। अधिकत्तर मेमोरी स्लॉट Double Inline Memory Module (DIMM) प्रकार के होते है जिनमे अधिकांश कम से कम 2 मेमोरी स्लॉट होते हैं। एक मदरबोर्ड में अधिकतम उपलब्ध स्लॉट की संख्या मदरबोर्ड पर निर्भर करती है।
Data Flow:- जैसे की हमें पता है, Motherboard एक Communication Hub की तरह काम करता है जिसके  द्वारा सारे Peripherals Connect होते हैं। इसमें Motherboard सारे Peripherals अपने बिच ठीक ढंग से Communicate करें इसे कंट्रोल करता है इसी के साथ Motherboard Data Traffic को मैनेज करता है।
Super I/O Chip:- Southbridge द्वारा नियंत्रित न किये जाने वाले I / O डिवाइसों को नियंत्रित करने का काम सुपर I / O चिप करता है जो एक सिंगल चिप है। फ्लॉपी ड्राइव, सीरियल पोर्ट, पीएस / 2 माउस, कुछ कीबोर्ड फ़ंक्शंस आदि को नियंत्रित करने का काम यह करता है। आज कल के लगभग सभी नवीनतम मदरबोर्ड एक सुपर आई / ओ नियंत्रक चिप के साथ उपलब्ध करवाए जाते है।

BIOS Chip:- Basic Input Output System (BIOS) में बुनियादी सिस्टम उपयोगिताओं को संचालित करने के लिए आवश्यक प्रोग्राम्स शामिल होते हैं जिन्हें हम Firmware कहते है। यह एक सॉफ्टवेयर है जो कम्प्यूटर के रोम मेमोरी (Rom) में होता है।

Bios सिस्टम की बुनियादी इनपुट आउटपुट कार्यक्षमता प्रदान करता है। कंप्यूटर शुरू होने पर सभी डिवाइस ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। इस परीक्षा को Power On Self Test (POST) कहा जाता है यह सिस्टम बूट करने से पहले स्वयं-विश्लेषण जांच करता है। इससे ये पता चलता है की Motherboard की मदद से Computer Start होता है।

Jumpers:- मदरबोर्ड पर जम्परर्स छोटे पिन हैं जो मदरबोर्ड सेटिंग कॉन्फ़िगर करने में सक्षम बनाती हैं। जम्पर अलग अलग कार्य करता है। जैसे की, CMOS सेटिंग को Restore करना आदि।
Buzzer:- बजर एक स्पीकर है, जो मदरबोर्ड में एम्बेड होता है। इसे अलग से इसीलिए लगाया जाता है की अगर सिस्टम में कीसी तरह का कोई एरर आये तो बजर के जरिये सूचनाएं मिलती रहे।
Standby Power Led:- मदरबोर्ड के स्टैंडबाय पावर को प्रदर्शित करने का कार्य करता है।

Microphone Jack:- इसके जरिये माइक्रोफ़ोन को कनेक्ट किया जाता है।

मदर बोर्ड की विशेषताऍ

एक कंप्यूटर में Motherboard की महत्वता किसी भी दूसरे computer hardware से कही अधिक है. हालाँकि कंप्यूटर के बेहतर कार्य करने के लिए प्रत्येक घटक महत्वपूर्ण है. चलिए हम आपको बताते है, कि मदरबोर्ड की कौन सी विशेषताएं इसे कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण अंग बनाती है. जैसा की हमने आपको बताया motherboard एक circuit board है जिसके उप्पर सभी महत्वपूर्ण internal computer hardware जैसे-सीपीयू इत्यादि लगे होते है.एक motherboard ना सिर्फ उन components के बैठने के लिए जगह प्रदान करता है, बल्कि उनका सीपीयू के साथ communication भी कराता है , जिससे वे data को आपस में share कर पाते है।

इसके साथ ही मदरबोर्ड में कई slots लगे होते है, जो external devices जैसे-माउस को computer में जोड़ने का काम करते है. जिससे आप कंप्यूटर को input देते है और output प्रदान करते है.Motherboard इससे जुड़े सभी कंप्यूटर घटकों के लिए जरुरी power supply का काम भी करती है. अर्थात कंप्यूटर को चालू करने से लेकर operate करने तक सभी महत्वपूर्ण कार्यो में motherboard की उपयोगिता को बिलकुल नकारा नहीं जा सकता. यदि हम CPU को कंप्यूटर का brain मानते है, तो मदरबोर्ड उसका nervous system है।

मदर बोर्ड की उपयोगिता 

Motherboard एक Communication Hub की तरह काम करता है जिसके द्वारा सारे Peripherals connect होते हैं. यहाँ Motherboard ये control करता है की सारे Peripherals अपने बिच ठीक ढंग से Communicate कर सकें. और Motherboard data traffic को मैनेज करता है।

कैसे करें मदर बोर्ड का चयन?

Motherboard अकेले किसी काम का नहीं है, लेकिन कंप्यूटर को operate करने के लिए इसका काफी महत्व है. इसका main काम है की कंप्यूटर के MicroChip को Hold करना उसके साथ साथ बाकि सारे components को आपस में जोड़ना।

वो सारी चीज़ें जो की Computer को चलने में मदद करता है या फिर इसके performance को बढ़ता है वो या तो Motherboard का ही एक part होता है या फिर इसके साथ किसी Slot या Port से जुदा हुआ होता है.Motherboard का Shape और Layout को ही Form Factor कहते हैं. इसी Form Factor की मदद से ही ये decide होता है की Motherboard की design कैसे हो. वैसे तो बहुत सारे specific Form Factor हैं जिससे इस्तमाल करके different टाइप्स के standard Motherboard को बनाया जाता है.देखा जाये तो Motherboard बहुत सारे प्रकार के हैं, ऐसी Variation इसलिए है क्यूंकि requirement के अनुसार ही इसकी design, cases, power supply और साइज़ को बनाया जाता है।

एक Motherboard जो की किसी एक specific manufacturer बनाता है शायद किसी एक single variety के CPU को सपोर्ट करे और कुछ memory को. इसी कारण Motherboard का चयन काफी सोच विचार करके ही करना चाहिए सभी Motherboard सभी प्रकार के components को सपोर्ट नहीं करते. इसी कारण सही Motherboard का चुनाव बहुत जरुरी है. इसीलिए मैंने कुछ महत्वपूर्ण चीज़ों को निचे mention किया है ताकि इससे आपको कुछ idea आ सके इसके सही चुनाव के लिए।

Processors:- एक बहुत ही महत्वपूर्ण feature Motherboard का है वो socket जो की CPU को पकड़ के रखता है. विविन्न boards के लिए विविन्न socket connects चाहिए और सभी के Processor Pins समान नहीं हैं. इसी socket से ही पता चलेगा की इस Motherboard में कोन सी मॉडल की Processor fit होगी।

Memory:- आप किस प्रकार का Motherboard इस्तमाल कर रहे हैं इससे मालूम पड़ता है की आप कितने amount और किस फॉर्मेट का RAM इस्तमाल कर सकते हैं .Normally Boards का Memory कुछ लिमिटेड होता है की वो कितने amount ऑफ़ RAM को support करे. पर ये सबसे अच्छा होगा की अगर आप कोई ऐसा Board लें जो की आपके जरुरत से ज्यादा RAM को support करे जिससे की आप बाद में इसे upgrade कर सके।

Form Factor:- किसी भी Motherboard के layout को Form Factor कहते हैं . इसी Form Factor से पता चलता है की कहाँ विविन्न components को place किया जाये और इससे उक कंप्यूटर का डिजाईन पता चलता है. वैसे तो Form Factor के कई standard है पर user के requirement के अनुसार ही इसे इस्तमाल किया जाता है।

Chipset:- एक Chipset किसी भी कंप्यूटर का middle man होता है, जिसके मदद से कंप्यूटर के अन्दर डाटा का transfer होता है एक part से दुसरे part से. ये एक Spine के तरह होता है जो Microprocessor को कंप्यूटर के दुसरे parts से जोड़ता है. एक कंप्यूटर में इसके दो भाग होते हैं एक है Northbridge और दूसरा SouthBridge. Computer के सारे Parts CPU के साथ इसी Chipset की मदद से communicate करते हैं।

Bus:- एक Bus का computer में मतलब होता है एक रास्ता जिससे किसी भी circuit में एक component दुसरे के साथ जुड़ता है. किसी भी Bus का speed को MegaHertz(MHz) में मापा जाता है. Speed से ही मालूम पड़ता है की कितनी डाटा उस bus से गुजर सकती है. जितनी बेहतर Bus होगी उतनी ही जल्दी और ज्यादा data को transfer किया जा सकता है, उसी कारण बेहतर Calculation.

Expansions Slots and Connectors:- Expansion slots वो hardwired Options होते हैं जिससे की Motherboard में हम additional components जोड़ सकते हैं. यदि आपको भविस्य में अपने system को Upgrade करना है तब आपको इसके बारे में जरुर सोचना चाहिए. जितना ज्यादा आपके पास extra Slots होंगे उतनी ज्यादा components आप attach कर सकते हो.इन सभी चीज़ों को ध्यान में रखते हुई ही आप किसी Motherboard का चयन कर सकते हैं।

इसीलिए मेरा आप लोगों से यही गुजारिस है की कोई भी Motherboard खरीदने से पहले आपको ये अच्छी तरह से मालूम होना चाहिए की आपकी क्या requirement है. अपने requirement के मुताबिक ही आपको कोई भी चीज़ खरीदनी चाहिए.धीरे धीरे Motherboard और भी बेहतर और Fast बन रहे हैं, इसके साथ साथ इसका Cost भी कम हो रह है. जैसे जैसे दुनिया बदल रही है वैसे वैसे लोगों की जरुरत भी बदल रही है इसी कारण Motherboard का Shape, Size और Speed सब बदल रहे हैं. वो दिन दूर नहीं जब हमारे मन मुताबक ही हम Motherboard बना सकें।

मदर बोर्ड फॉर्म फैक्टर के प्रकार

 Form Factor ATX (Advanced Technology Extended):- Baby AT फॉर्म फैक्टर के विकास के रूप में बनाया गया, ATX मदरबोर्ड के आर्किटेक्चर और कैबिनेट और पॉवर सप्‍लाई जैसे अन्य कंपोनेंट्स में गहरा बदलाव दर्शाता है।मदरबोर्ड के भीतर सीपीयू सॉकेट के स्थान जैसे महत्वपूर्ण परिवर्तन हैं, जो अब पॉवर सप्‍लाई के पास रखा गया है, इस प्रकार स्रोत के फैन के कारण हवा के प्रवाह की अनुमति देता है और किसी भी एलिमेंट द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए जैसा कि Baby AT टेक्‍नोलॉजी के साथ हुआ।एक और परिवर्तन फ़ीड के स्रोत के बीच संबंध था। 
 
जो अब AT के विपरीत एक सिंगल कनेक्टर था, जो दो थे।ATX मदरबोर्ड आयाम12× 13 में हैं। ATX का एक रूप Mini ATX है, जो अनिवार्य रूप से ATX का एक कम आकार का वर्शन है, लेकिन इसके आकार के संदर्भ में अधिक कम है, इसका माप 11.2 × 8.2 इंच है।यह फॉर्म फैक्टर आज के समय में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, खासकर डेस्कटॉप कंप्यूटर पर, और इसके बाद इस तकनीक को कई अन्य फैक्‍टर के आधार पर जारी किया गया। जैसे किMini-ITX, Mini-ATX, Micro-ATX, Nano ITX और Pico-ITX. 

Micro ATX:- यह ATX का विकास है। इसकी साइज 9.6 × 9.6 इंच हैं।Micro -ATX चार एक्‍सपांशन स्लॉट को सपोर्ट करता है जो ISA, PCI, PCI / ISA और AGP के साथ स्वतंत्र रूप से कंबाइन हो सकते हैं। माउंटिंग होल्‍स Standard ATX से बदल गए, क्योंकि माप अलग-अलग हैं, लेकिन वे अधिकांश ATX कैबिनेट के साथ भी कम्पेटिबल हैं।इस प्रकार का मदरबोर्ड फॉर्म फैक्टर Intel और AMD दोनों प्रोसेसर को सपोर्ट करता है। यह आमतौर पर छोटे फॉर्म फैक्टर डेस्कटॉप कंप्यूटर पर उपयोग किया जाता है।

 Mini-ITX:- Mini ITX की साइज 6.7 × 6.7 इंच की हैं, जो एक कम बिजली की खपत वाला मदरबोर्ड फॉर्मेट है। इसके आयाम इस प्रकार के फार्म फैक्‍टर का सबसे विशिष्ट फैक्‍टर हैं। यद्यपि इस प्रकार के मदरबोर्ड को कम खपत की टीमों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया था, वर्तमान में इसकी कोई सीमा नहीं है और वे लाभ के मामले में विशाल कदम से बढ़े हैं।

Nano-ITX:- Nano-ITX एक अन्य प्रकार का मदरबोर्ड फॉर्म फैक्टर है, जो 4.7 × 4.7 में मापता है।Nano-ITX पूरी तरह से इंटिग्रेटेड बोर्ड हैं जो बहुत कम बिजली की खपत के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इस तरह के मदरबोर्ड का उपयोग कई एप्‍लीकेशन में किया जा सकता है, लेकिन इसे विशेष रूप से स्मार्ट मनोरंजन के लिए डिज़ाइन किया गया था, जैसे PVR, मीडिया सेंटर, स्मार्ट टीवी, इन-व्हेइकल डिवाइस और बहुत कुछ।

Pico-ITX:- Pico-ITX इस लिस्‍ट में सबसे छोटे प्रकार का मदरबोर्ड फॉर्म फैक्टर है। इसकी साइज 3.9 × 2.8 इंच है और यह मिनी-आईटीएक्स की तुलना में 75% छोटा है। इस मदरबोर्ड को VIA द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया था, ताकि छोटे और स्मार्ट IoT डिवाइसेस के लिए नवाचार को खोला जा सके।Pico-ITX एक x86-बेस प्लेटफ़ॉर्म और कम-बिजली खपत बोर्ड के साथ एम्बेडेड सिस्टम एप्‍लीकेशन के लिए एक बढ़िया विकल्प है, जैसे औद्योगिक आटोमेशन, इन-व्हेइकल कंप्यूटर, डिजिटल साइनेज, और बहुत कुछ।

 

मदर बोर्ड के फ़ायदे 

Suitability:- जबकि कंप्यूटर विकास में तेजी आती है, एक अच्छी तरह से चुना गया मदरबोर्ड उन क्षेत्रों में प्रदर्शन करता है जिन्हें आप सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं।कंप्यूटर वर्ल्ड के अनुसार, उपभोक्ता अपने कंप्यूटर उपयोग के लिए मदरबोर्ड की अपनी पसंद को फिट कर सकते हैं। सीधे शब्दों में कहें, अगर आपको उनकी आवश्यकता नहीं है, तो आप सभी नवीनतम सुविधाओं के बिना मदरबोर्ड खरीदकर बहुत पैसा बचा सकते हैं।

यदि आपके पास ऐसे बच्चे हैं जो तकनीकी चीजों की अग्रणी सीमा पर हैं, तो यह निर्धारित करने में मदरबोर्ड की आपकी पसंद महत्वपूर्ण हो सकती है कि सिस्टम कभी-कभी विकसित हो रहे कंप्यूटर की दुनिया में इष्टतम प्रदर्शन पर कितनी देर तक काम करेगा। अन्य घटकों जैसे प्रोसेसर (सीपीयू), ग्राफिक्स कार्ड, मेमोरी और बाह्य उपकरणों के लिए पोर्ट के साथ इसके फिट पर विचार करें। एक अपर्याप्त मदरबोर्ड उन घटकों की संगतता और कामकाज को प्रभावित करता है।

Upgradability:- एक टिकाऊ मदरबोर्ड कंप्यूटर के जीवन को लंबा कर सकता है और आपको परिधीय प्रतिस्थापन भागों पर बचा सकता है।एक मदरबोर्ड ही अपग्रेड करने योग्य है। एक उपभोक्ता के कंप्यूटर को बदलने की आवश्यकता होती है, इसलिए एक उपभोक्ता एक पीसी मदरबोर्ड को बदल सकता है (हालांकि, यह सुनिश्चित करने के लिए कि इसमें प्लग किए गए घटक भाग अभी भी नए बोर्ड के साथ संगत हैं)।

उदाहरण के लिए, वीडियो गेम सॉफ़्टवेयर उन्नत मदरबोर्ड प्रसंस्करण क्षमता की मांग करता है। इससे उपभोक्ता को ऐसी क्षमता वाले मदरबोर्ड की खोज को कम करना होगा। एक अच्छी तरह से चुना गया मदरबोर्ड उपभोक्ताओं को एक नया मदरबोर्ड खरीदने के बिना परिधीय घटकों को अपग्रेड करने की अनुमति दे सकता है। बहुमुखी समय में, एक बहुमुखी मदरबोर्ड निवेश पर अच्छा रिटर्न देता है।

Replacability:- एक उपभोक्ता अपने समय और बजट के अनुरूप मदरबोर्ड बदल सकता है।एक बार स्व-निर्मित प्रणाली के लिए प्रतिबद्ध होने के बाद, कंप्यूटर उपयोगकर्ता किसी भी घटक, मदरबोर्ड को शामिल कर सकते हैं और अपग्रेड कर सकते हैं, जिसमें पता है कि कैसे और कुछ शिकंजा की बारी है। यह एक उपभोक्ता को समय के साथ बदलने की अनुमति देता है।

अगर उसकी ज़रूरतें तेज़ी से बदलती हैं, तो वह उस समय के नवीनतम और महानतम मदरबोर्ड में टैप कर सकता है। कम कंप्यूटर जरूरतों वाला उपभोक्ता और एक तंग बजट अपनी मौजूदा मदरबोर्ड के साथ अपग्रेड करने के लिए किस घटक को चुन सकता है। एक अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया, अनुकूलनीय मदरबोर्ड एक कंप्यूटर उपयोगकर्ता को एक नए मदरबोर्ड के बजाय केवल एक विस्तार स्लॉट का उपयोग करके अपग्रेड करने की अनुमति दे सकता है।

मदर बोर्ड के नुकसान 

Motherboard Heating problems:- अधिकांश कंप्यूटर पार्ट्स के साथ, सबसे सामान्य कारण है जो एक मदरबोर्ड को सबसे ज्यादा नुक्सान पहुँचता रहता है वो होती है गर्मी। सभी कंप्यूटर घटक विशेष रूप से गर्मी के प्रति संवेदनशील होते हैं, और एक कंप्यूटर के अंदर काफी गर्म हो सकते है क्योंकि वे खुद ही बहुत गर्मी पैदा करते हैं समय के साथ साथ, यह गर्मी मदरबोर्ड पर हावी हो जाती है और जिसके कारण मदर बोर्ड समस्या पैदा करने लगता है। इसलिए इस पर शुरुआत से ही ध्यान देना जरुरी होता है।कंप्यूटर घटकों को ठीक से चलाने के लिए उनको ठंडा रखना बहुत जरुरी होता है।

यही कारण है कि कंप्यूटर में गर्मी या उसकी हीटिंग को सोखने के लिए तमाम तरह के इंतजाम होते है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण पार्ट्स होते है। जैसे सीपीयू फैन, चेचिस फैन, हीट सिंक फैन आदि।डेस्कटॉप मदरबोर्ड के मुकाबले लैपटॉप मदरबोर्ड को अधिक नुकसान पहुँचता हैं, क्योंकि छोटे पार्ट्स के कारण गर्मी में होने की अधिक संभावना होती है। यदि आपका लैपटॉप नियमित रूप से गर्म चल रहा है, तो आपको इसकी वेंटिलेशन आउटलेट साफ़ करना बहुत जरुरी हो जाता है। इसको इग्नोर करना आपकी जेब पर भरी पड़ सकता है।

Motherboard Short Circuits:- मदरबोर्ड को कैपेसिटर और सोल्डरेड कनेक्शन से भर दिया जाता है जो बोर्ड के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक बिजली और डेटा को रूट करते हैं। यह इस तरह से डिज़ाइन किये होते है की यह एक दूसरे से सीधे संपर्क में नहीं आ सकते, लेकिन कोई भी बहरी ऑब्जेक्ट या धातु आपके मदर बोर्ड लिए घातक हो सकता। कहने का मतलब यह है की चालू मदर बोर्ड में लगे सर्किट या कॉम्पोनेन्ट बाहरी घटक के संपर्क में आने के कारण ख़राब हो सकते है। जो एक शॉर्ट सर्किट पैदा कर सकता है। जिससे आपका मैनबोर्ड ख़राब हो सकता है।

डेस्कटॉप कंप्यूटर में यह समस्या अधिक आती है, लेकिन लैपटॉप में (फिर भी शायद ही कभी) ऐसा होता है।ध्यान दे की आपका मदर बोर्ड सही से लगा है कही वो लूज़ तो नहीं है। कोई वायर ढीली या कटी तो नहीं है। मैनबोर्ड लेता हुआ तो नहीं है। सबसे जरुरी की कभी भी कंप्यूटर केस को खोल कर इस्तमाल न करे। वरना जरा सी गलती बहुत भरी पड़ सकती है।ढीले सीपीयू फैन, अक्सर मदरबोर्ड में शार्ट सर्किट के कारण होते हैं। तो, ढीले केबलों की जांच करें।

 Electrical Spikes and Power Surges:- इलेक्ट्रिक स्पाइक और पावर सर्जेस बिजली में उतार चढ़ाव लाज़मी है। वैसे भी इलेक्ट्रिक स्पाइक और सार्ज विधुत उपकरणों के सबसे बड़े दुश्मन है। बिजली में इस उतार चढ़ाव के पीछे आपके घर ऑफिस में लगे एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर या हैवी बिजली आपूर्ति करने वाले उपकरण हो सकते है। या फिर वायरिंग की समस्या या लोकल पावर ग्रिड और मौसम की स्थिति के कारण भी हो सकती है। जो वोल्टेज में अचानक वृद्धि करके आपके इलेक्ट्रॉनिक्स चीज़ो और मदर बोर्ड को एक झटके में ख़राब कर सकती है।
Electrical damage:- यह ज़्यदातर समस्या कंप्यूटर के रख रखाव के दौरान होती है। आपके या किसी टेक्निसिअन के हाथो की static इलेक्ट्रिसिटी कॉम्पोनेन्ट को डिस्चार्ज कर सकती है जो दिखाई तो नहीं देती है लेकिन आपके मदर बोर्ड को ख़राब करने के लिए काफी है। इसलिए जब कभी भी अपने कंप्यूटर में कोई नया पार्ट्स लगाए तो पहले अपने शरीर की static इलेक्ट्रिसिटी को ख़त्म कर ले। इसके लिए बाजार में static इलेक्ट्रिसिटी बैंड मिलता है उसका इस्तेमाल करे।
Improperly installed components:- कंप्यूटर में गलत तरीके से लगे कम्पोनेट भी आपके मदर बोर्ड की खराबी का कारण बन सकते है। कई बार तो कंप्यूटर चालु ही नहीं होता है। ऐसे में चेक करे की आपने सभी पार्ट्स सही ढंग से लगाए है। जैसे RAM, ग्राफ़िक कार्ड, प्रोसेसर और उसका पंखा इत्यादि अपनी सही स्तिथि में है। क्युकी जरा सी गलती आपके मदर बोर्ड पर भरी पड़ सकती है।

इस लेख में हमने आपको Computer Motherboard की पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई हैं. आपने जाना की मदरबोर्ड क्या होता है और Motherboard के विभिन्न प्रकारों से भी अवगत हुए हैं.साथ ही आप Motherboard Ports से भी परिचित हुए हैं। हमे उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आएगा और आपके लिए उपयोगी साबित होगा.इसे मदरबोर्ड लेख को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडियो पर शेयर करें और कुछ सवाल है तो उन्हे कमेंट करके पूछ सकते है।

1 thought on “Motherboard क्या हैं? Motherboard के बारें में विस्तार से जानिए?”

  1. Mujhe computer motherboard laptop ka motherboard banane sikhana hai ki main aapka Sahyog chahie pahle se ham kuchh kam kar chuke hain motherboard per aapse request hai agar aapke pass koi kam ho to ek number 62 04 6 39 221

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