Cloud Computing क्या हैं? विस्तार से जानिए – Cloud Computing in Hindi

इस आर्टिकल में आप जानेगें Cloud Computing क्या है, इसकी विशेषताएं और उदाहरण। साधारण शब्दों में क्लाउड कम्प्यूटिंग का मतलब है, अपने data को computer hard drive में store करने के बजाये internet पर स्टोर करना।

जब आप local storage अर्थात हार्ड ड्राइव में डेटा को रखते है, तो उसे आप सिर्फ अपने computer से ही access कर सकते है। परन्तु Cloud Computing के संदर्भ में ऐसा नही होता है।

Cloud Computing in Hindi
Cloud Computing in Hindi

इंटरनेट पर स्टोर किये गए डेटा या प्रोग्राम को आप कही से भी इस्तेमाल कर सकते है। इसकी कई विशेषताओं के चलते ही आजकल Cloud Computing सबसे लोकप्रिय तकनीकों में से एक है और इसका उपयोग भी तेजी से बड़ रहा है। हो सकता है, जाने – अनजाने आप भी किसी cloud-based application को इस्तेमाल में ले रहे हो। कुल मिलाकर cloud computing धीरे – धीरे हम तक पहुँच रहा है।

अगर देखा जाए तो, बदलते माहौल में हमे इसकी जरूरत भी है क्योंकि Cloud Computing के कई benefits है। तो चलिए बिना समय गवाए क्लाउड कम्प्यूटिंग क्या होता है? उदाहरण के साथ समझते है।

इसके अलावा हम क्लाउड कम्प्यूटिंग के विभिन्न प्रकारों पर भी बात करेंगे। चलिये सबसे पहले जानते है, क्लाउड कम्प्यूटिंग क्या है? फिर इसके बाकी पहलुवों पर बात करेंगे।

Cloud computing का इतिहास

अगर हम Cloud computing की बात करें तो इसका जन्म करीब सन 1960 के दसकों में हुआ था. जब computer industry ने computing को उसके potential benefits के आधार पर एक service आय utility के हिसाब से ग्रहण किया था।

लेकिन पहले के computing, connectivity और ban width दोनों में lack थी जिसके चलते computing को एक utility के हिसाब से imp liment कर पाना संभव नहीं था।

ये तब तक मुमकिन नहीं था जब तक की एक बड़े पैमाने में Internet bandwidth की availability न हो गयी सन 1990 तक। जिसके बाद हो computing को एक service के रूप सोच पाना मुमकिन हुआ।

सन 1990 में Salesforce पहली बार commercially enterprise SaaS का सफलतापूर्वक implementation किया. जिसके बाद सन 2002 में AWS ने किया, जो की बहुत से services जैसे online storage, machine learning, computation provide करवाती थी।

आज Microsoft Azure, Google Cloud Platform जैसे कई छोटे बड़े providers मेह्जुद हैं जो की AWS के साथ मिलकर cloud-based service दुसरे individuals, small business और global enterprise को provide कर रहे हैं।

Cloud Computing का परिचय 

इससे आप अपनी सभी जरूरी files को जैसे Documents, photos, music, videos etc. को Computer के साथ साथ Internet पर भी Save करके रख सकते हो, जैसे बादल कहीं से पानी लेते हैं।

और कहीं पे भी बरसा देते हैं उसी आधार पर है Cloud Computing यह भी नेेेटवर्क के माध्‍यम से काम करती है, आईये जानते हैं यह कैसे काम करती है।

Cloud Computing के लिये बडी बडी कंंपनियों जैसे Google या microsoft बहुत ही विशाल डाटा सेेंटर (Data center) बनाती है डाटा सेेंटर (Data center) वह जगह होती है।

जहां एक बहुत बडें पैमाने पर डाटा (जैसे आपके वीडीयो, फोटो या डाक्‍यूमेंट) काे स्‍टोर किया जाता है यह आपस में एक नेटवर्क से जुडे रहते हैं और कहीं भी जरूरत पडने पर इंटरनेट के माध्‍यम से वहां तुरंत डाटा का पहुंचा दिया जाता है।

उदाहरण के लिये फेसबुक डाटा सेंटर (Facebook Data Center) को ले लीजिये यह भी क्‍लाउड से जुडा है आपके द्वारा फेसबुक अपलोड किये जाने वाले फोटो और वीडीयो यहीं सुरक्षित रहते हैैं।

और आप इस डाटा का उपयोग फेसबुक की एप्‍लीकेशन या वेबसाइट के जरिये दुनियां में किसी भी स्‍थान पर कर सकते हैं बस आपको चाहिये फेसबुक की एप्‍लीकेशन और यूजर आईडी पासवर्ड।

लेकिन छोटी कंपनीया जिनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह अपना खुद का डाटा सेंटर बना सकें तो वह क्‍लाउड के माध्‍यम से इंटरनेट पर हार्डवेयर और स्‍पेस किराये पर ले सकते हैं।

उदाहरण के लिये अगर आप जीमेल पर अपनी ईमेल आईडी बनाते हैं तो आपको गूगल की तरफ से 15GB का क्‍लाउड स्‍टोरेज फ्री दिया जाता है।

लेकिन अगर आपको 15GB से ज्‍यादा की आवश्‍यकता है तो आप इसे गूगल क्‍लाउड से किराये पर ले सकते हैं Google Drive पर एक ईमेल आईडी पर 30 TB तक का स्‍पेस किराये के लिये उपलब्‍ध है 30 TB का मासिक किराया है 19500 रू0 महीना, आप पूरी लिस्‍ट यहां से चैक कर सकते हैं।

Cloud Computing का अर्थ सिर्फ डाटा अपलोड करना ही नहीं है, गूगल ने Google Drive के माध्‍यम से Cloud पर कई सारी एप्‍लीकेशन भी उपलब्‍ध करा रखीं हैं।

जिन्‍हेें आप बिना अपने कंम्‍यूटर में इस्‍टॉल किये सीधे अपने ब्राउजर में चला सकते हैं ये एप्‍लीकेशन हैं – Google Docs, Google Sheets, Google Slides, Google Forms, google drawings और google sites, इसके अलावा अगर आपके कंप्‍यूटर में फोटोशॉप नहीं चल रहा है।

तो आप Cloud Computing की सहायता से उसे भी चला सकते हैं, लेकिन Cloud Computing के लिये आपके पास एक अच्‍छा इंटरनेट कनेक्‍शन होना जरूरी है।

Cloud Computing क्या है?

Internet के माध्यम से Computing services की delivery को Cloud Computing कहा जाता है. इन सर्विसेज में networking, data storage, servers, database और software जैसे Computing resources शामिल है।

सरल भाषा मे अगर आप data को local storage device के बजाय cloud-based storage पर store करके access करते है, तो उसे क्लाउड कम्प्यूटिंग कहेंगे।

जब हम local computer की storage में data store करते है, तो इसे access और manage करने के लिए हमे कंप्यूटर पर निर्भर रहना पड़ता है।

बल्कि इसे उलट Cloud computing में हम data और resources को कही से भी इस्तेमाल कर सकते है। Cloud services प्रदान करने वाली companies उपयोगकर्ता की files और application को remote server पर स्टोर करके रखते है। जिसके बाद उपयोगकर्ता उन संसाधनों तक internet के माध्यम से पहुंच सकते है।

कुल मिलाकर cloud computing आधुनिक युग के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। हालांकि cloud computing आपके डेटा को स्टोर करने तक ही सिमित नही है।

हम Cloud services को तीन श्रेणियों में बांटते है जिसमे: Infrastructure-as-a-service (IaaS), Platform-as-a-service (PaaS) और Software-as-a-service (SaaS) शामिल है। इनके बारे में हम अभी विस्तार से बात करेंगे।

Cloud Computing के उदाहरण 

निम्नलिखित उधारणो से क्लाउड कम्प्यूटिंग को समझने का प्रयास करे :-

1) Google drive, Dropbox, Gmail और Facebook etc. क्लाउड कम्प्यूटिंग के अच्छे उधारण है। ये हमे unlimited storage प्रदान करते है। जिस पर हम अपना डेटा स्टोर करने के साथ ही उसे इंटरनेट के माध्यम से access या manage भी कर सकते है।

2) Education के क्षेत्र में भी cloud computing का बखूबी उपयोग होता है। आजकल अधिकतर छात्र E-learning को काफी पसंद कर रहे है। जिसमे Byju’s जैसे software आपको teaching resources को online access करने में मदद करते है।

3) सरकारें भी cloud computing का उपयोग करती है। वे cloud-based IT services का उपयोग करके नागरिकों को e-Governance की सेवाएं प्रदान करती है।

4) Messenger application भी क्लाउड कम्प्यूटिंग का एक उदाहरण है। हमारे द्वारा भेजे और प्राप्त किये गए मैसेज को service provider द्वारा cloud space में स्टोर किया जाता है।

6) Salesforce, Hubspot और Adobe marketing cloud भी इसके उदाहरण है. इन्हें business के क्षेत्र में उपयोग किया जाता है, जिसके अंतर्गत business resources को manage करना और उन्हें security प्रदान करना शामिल है।

7) Website या application को cloud server में host करने के लिए हम Digital Ocean जैसे क्लाउड सेवा प्रदाताओं के पास से इन सर्वर को खरीदते है। यह भी Cloud Computing का एक उदाहरण है।

उम्मीद है, अब तक आप cloud computing के basic concept को अच्छे से समझ गए होंगे। चलिये अब हम क्लाउड कम्प्यूटिंग के क्या उपयोग है? इस बारे में जानते है।

Cloud Computing के प्रकार 

Cloud Services के आधार पर इसके प्रकार :-

Infrastructure as a Service (IaaS)

IaaS सबसे बुनयादी क्लाउड सेवाओं की श्रेणी में आता है। ये एक cloud computing model है, जहां external cloud provider द्वारा व्यवसायों के लिए virtualized infrastructure की पेशकश और प्रबंधन किया जाता है।

इसके अंतर्गत कंपनियां storage, server, data center space और cloud networking घटकों को internet के माध्यम से outsource कर सकती है।

एक सेवा के रूप में IaaS आपको अपने IT resources पर उच्चतम स्तर का management control और flexibility प्रदान करता है।

Platform as a Service (PaaS)

PaaS, सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन के डेवलपमेंट, टेस्ट, डिलीवरी और मैनेजमेंट के लिए on-demand environment की आपूर्ति को सन्दर्भित करता है।

एक सेवा के रूप में यह आपको अपने software application को चलाने में लगने वाले resources procurement, capacity planning, software maintenance, patching या किसी अन्य जरूरत की आवश्यकता को पूरा करता है।

PaaS को web या mobile application बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

Software as a Service (SaaS)

SaaS, एक pay-per-use model के रूप में यूजर को software application जैसे – E-mail, Adobe और Google G Suite etc. का इंटरनेट पर उपयोग करने देता है।

यानी आपको किसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के लिए उसे अपनी डिवाइस में install करने की कोई जरूरत नही है।

सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करते हुए आपको उसकी back-end process के बारे में भी सोचने की जरूरत नही होती है।

Cloud Deployment के आधार पर इसके प्रकार:-

Public Cloud

सार्वजनिक क्लाउड के अंतर्गत SaaS services आती है, जिनका deployment globally होता है। ये सेवाएं सभी उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध होती है।

सेवाओं का उपयोग उपयोगकर्ता Internet के माध्यम से कर सकते है। इन सेवाओं का आप जितना उपयोग करेंगे उस हिसाब से आपको भुकतान करना होगा।

हालांकि उच्च विश्वनीयता, कम लागत, शून्य रखरखाव और on-demand scalability के बावजूद भी इसमें security का खतरा अधिक होता है। यानी critical activities के लिए ये suitable नही है।

Private Cloud

नाम से ही समझ आता है, कि यह सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए नही है। यानी कोई large company या organization जो अपने स्वयं के data center का निर्माण और प्रबंधन करना चाहती हो वे private cloud services का उपयोग कर सकती है।

इसके अंतर्गत कंपनियों को high security, customization, scalability और flexibility में अधिक सुधार मिलता है। परन्तु यह सार्वजनिक क्लाउड की तुलना में अधिक expensive होती है।

Hybrid Cloud

हाइब्रिड क्लाउड, public और private cloud का मिला जुला रूप है। इसके अंतर्गत अपनी जरूरत के हिसाब से क्लाउड का उपयोग कर सकते है।

यानी important application को आप निजी क्लाउड में रख सकते है और secondary application के लिए आप सार्वजनिक क्लाउड का उपयोग कर सकते है।

Cloud Computing के उपयोग 

Cloud computing का उपयोग हम सभी अपनी daily life में जाने – अनजाने करते ही है। इसके अलावा क्लाउड कम्प्यूटिंग का यूज़ small start-ups से लेकर global corporations तक, government agencies से लेकर non-profit organisations तक, हम किसी न किसी कारण से Cloud Computing का यूज़ कर रहे है। नीचे कुछ प्रमुख उपयोगों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

File storage :- सामान्य यूजर cloud computing का उपयोग अपनी files को remotely hosted system में store, manage और share करने के लिए करते है। Google drive या Dropbox इसके अच्छे उधारण है।

Website Hosting :- वो वेबसाइट मालिक जो website host करने और उसे maintain करने के झंझट से बचना चाहते है, उनके लिए cloud-based web hosting एक बेहतरीन विकल्प है। Cloud hosting provider आपकी वेबसाइट को होस्ट करने के अलावा अपने computing resources भी प्रदान करते है। ये आपकी website को security देते है और उसकी maintenance की भी जिम्मेदारी लेते है।

Test और Development :- किसी software और network की testing और उसके development में भी cloud computing अच्छी भूमिका निभाता है। Cloud services यह जांचने में मदद करती है, कि आपका सॉफ्टवेयर सुचारू रूप से चल रहा है या इसमे कोई त्रुटि तो नही है।

Backup और Recovery :- आज भी कई business और organizations अपने data का backup manually किसी storage device में लेते है जबकि यह बहुत प्रभावी नही है। Cloud-based backup में आप आसानी से अपने डेटा का बैकअप ले सकते है। इस तरह से data recover करना भी आसान होता है।

Cloud database :- हर व्यवसाय को एक डेटाबेस की जरूरत होती है। परन्तु इसके लिए आपका बहुत पैसा खर्च होगा और साथ ही आपको एक विशेषज्ञ की भी आवश्यकता पड़ेगी। इसके विपरीत Cloud database एक बेहतरीन विकल्प है। Cloud service provider न केवल आपको support प्रदान करेगा, बल्कि डेटाबेस के रखरखाव और संचालन का भी ध्यान रखेगा।

Big data analytics :- बिग डेटा भी data ही है, परन्तु एक huge size के साथ। संक्षेप में समझे तो इस तरह के data इतने large और complex होते है, कि कोई भी traditional data management tool इसे store या कुशलता से process करने में सक्षम नही होता है। Cloud computing इस तरह के डेटा को store और analysis करने में मदद करता है।

इसके अलावा भी कई ऐसे क्षेत्र है, जहां Cloud Computing का उपयोग किया जाता है। तो चलिए अब क्लाउड कम्प्यूटिंग कितने प्रकार होती है, इस बारे में विस्तार से जानते है।

Cloud Computing की विशेषताएं 

क्लाउड कम्प्यूटिंग की कुछ निम्नलिखित विशेषताएं इस प्रकार है:-

1) Resources Availability :-  क्लाउड कम्प्यूटिंग कई ग्राहकों के लिए बनाई गयी है। यानी हर यूजर की resources तक पहुँच होती है। यह सब multi-tenant model के द्वारा किया जाता है। यूजर अपनी मांग के अनुसार physical और virtual resources को संसोधित कर सकते है। इसे हम Resources pooling भी कहते है, क्योंकि इसमें कई यूजर तक सेवाएं पहुचाने के लिए संसाधनों को खींच लिया जाता है।

2) On-Demand Self Service :- उपयोगकर्ता अपनी आवश्यकता अनुसार computing resources का उपयोग कर सकता है। यदि उसे instance संसाधनों की जरूरत पड़ती है जैसे – storage space, database, virtual machine etc. तो बिना service provider से अनुरोध किये वह इन्हें इस्तेमाल कर सकता है।

3) Broad Network Access :- क्लाउड कम्प्यूटिंग संसाधन पूरे इंटरनेट पर मौजूद है और इनका उपयोग बड़ी आसानी से किया जा सकता है। एक यूजर को संसाधनों का उपयोग करने के लिए एक device और internet connection की जरूरत है।

4) Easy Maintenance और Low Downtime :- सर्वर का रखरखाव बहुत आसान है। Server downtime भी बहुत कम होता है कुछ मामलों में तो डाउनटाइम ना के बराबर है। इसका कारण है, Cloud computing को बार – बार update करना जिसकी वजह से पुरानी कमियां ठीक कर दी जाती है।

5) Elasticity :- कंपनियां अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए संसाधनों को आसानी से बड़ा सकती है। यदि आवश्यकता ना हो, तो उन्हें घटा भी सकती है। कुल मिलाकर Cloud computing में resources को व्यवस्थित करने की capability है।

6) Pay as you go :- उपयोगकर्ता केवल उतना ही भुकतान करता है, जितने समय उसने संसाधनों का उपयोग किया। अर्थात कोई भी extra charge नही लिया जाता है।

Cloud Computing के फायदे 

  1. क्लाउड कम्प्यूटिंग का उपयोग करने पर आपकी cost saving होती है, क्योंकि अब आपको costly system या किसी भी अन्य infrastructure पर invest करने की जरूरत नही है।
  2. Cloud services को एक्सेस करना बहुत आसान है। यूजर कम्प्यूटिंग डिवाइस और इंटरनेट की मदद से सेवाओं का लाभ उठा सकते है।
  3. कंपनियां अपने data को एक centralized location पर store कर सकती है, जिससे data control करना आसान हो जाता है।
  4. Cloud computing के अंतर्गत automatic data backup की सुविधा होती है। यानी आपको अपनी हार्ड ड्राइव क्रैश होने या डेटा के मिट जाने का कोई खतरा नही रहता।
  5. अधिकांश cloud services उपयोगकर्ता को data store करने के लिए निशुल्क और सुरक्षित huge storage space प्रदान करती है।

Cloud Computing के नुकसान 

  1. क्लाउड कम्प्यूटिंग पूरी तरह से इंटरनेट पर निर्भर है. ये फायदेमंद होने के साथ ही एक व्यवसाय के लिए लिए नुकसानदेह भी है। cloud service provider की internet connectivity lost होने पर आपका व्यवसाय उतने समय के लिए ठप हो जाता है।
  2. अपने important data की privacy और security के लिए पूरी तरह से क्लाउड सेवा प्रदाता पर भरोसा करना सही नही है। यही कारण है, कि एक reliable service provider को चुनना महत्वपूर्ण है।
  3. इंटरनेट पूरी तरह से सुरक्षित नही है, इसमे हमेशा cyber attack का खतरा बना ही रहता है। इसलिए आपको हमेशा सचेत रहने की जरूरत होती है।
  4. क्लाउड के अंतर्गत data management एक सिरदर्द है, क्योंकि cloud storage system का अपना structure होता है। इसलिए इसका आपकी प्रणाली के साथ मेल खाना थोड़ा मुश्किल है।
  5. IT resources के दूरस्थ सर्वर में होने के कारण cloud computing का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ता का software और hardware के कार्यो पर न्यूनतम नियंत्रण होता है।

हर चीज की तरह, Cloud computing के कई फायदे और नुकसान है। अगर over all देखा जाए तो क्लाउड कम्प्यूटिंग एक बेहतरीन टेक्नोलॉजी है। लेकिन अगर इसे बिना ठीक से समझे इस्तेमाल किया तो यह नुकसान भी पंहुचा सकती है।

Conclusion

इस आर्टिकल में आपने जाना Cloud Computing क्या है, इसकी विशेषताएं और उदाहरण. उम्मीद है, यहां आपको क्लाउड कम्प्यूटिंग के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा।

अगर आप एक IT student है या फिर IT resources को ऑनलाइन उपयोग करना चाहते है, तो ये आर्टिकल आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है।

यदि आपका इससे सम्बंधित कोई सवाल या सुझाव हो, तो कृपया नीचे कमेंट में जरूर पूछे। आप चाहे तो, इस आर्टिकल को अपने सहपाठियों को शेयर भी कर सकते है। धन्यवाद।।

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